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शूर्पणखा
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शुर्पणखा
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سوٗپَنکھا
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சூர்ப்பனகை
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ସୂର୍ପଣଖା
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সূর্পনখা
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શૂર્પણખા
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శూర్పణక
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ಸೂರ್ಪಣಕಿ
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ശൂര്പ്പണഖ
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सूपनखा
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सूपनेखा
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पौलहस्ती
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सूर्पणखा
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शूर्पनखा
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विद्युविह्वा
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छिन्ननास्य
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वृषस्यन्ति
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श्रीरामचंद्रार्तिक्यम्
महाराष्ट्रकविवर्य श्रीमयूरविरचिते ग्रन्थ ‘ संस्कृतकाव्यानि ’
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अनुवादणें
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अयोमुखी
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रामज्ञा प्रश्न - तृतीय सर्ग - सप्तक २
गोस्वामी तुलसीदासजीने श्री. गंगाराम ज्योतिषीके लिये रामाज्ञा-प्रश्नकी रचना की थी, जो आजभी उपयोगी है ।
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मथुराखण्डः - अध्यायः ११
गर्ग संहिता ही गर्ग मुनिंची रचना आहे. ह्या संहितेत श्रीकृष्ण आणि राधाच्या माधुर्य-भाव असलेल्या लीलांचे वर्णन आहे.
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अध्याय चवदावा - श्लोक २०१ ते २४४
श्रीधरस्वामी रचित ’ श्रीरामविजय ’ ग्रंथाचे पारायण केल्याने जीवनातील वनवास संपून सुख प्राप्त होते.
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अध्याय ११ - उत्तरकाण्डवर्णनं
अग्निपुराणात त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु, महेश आणि सूर्य ह्या देवतांसंबंधी पूजा-उपासनाचे वर्णन केलेले आहे.
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विद्युज्जिह्र
Meanings: 5; in Dictionaries: 1
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रामज्ञा प्रश्न - तृतीय सर्ग - सप्तक १
गोस्वामी तुलसीदासजीने श्री. गंगाराम ज्योतिषीके लिये रामाज्ञा-प्रश्नकी रचना की थी, जो आजभी उपयोगी है ।
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विश्र्ववस्
Meanings: 6; in Dictionaries: 1
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अध्याय चवदावा - श्लोक १०१ ते १५०
श्रीधरस्वामी रचित ’ श्रीरामविजय ’ ग्रंथाचे पारायण केल्याने जीवनातील वनवास संपून सुख प्राप्त होते.
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अध्याय चवदावा - श्लोक १ ते ५०
श्रीधरस्वामी रचित ’ श्रीरामविजय ’ ग्रंथाचे पारायण केल्याने जीवनातील वनवास संपून सुख प्राप्त होते.
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राका
Meanings: 38; in Dictionaries: 10
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कालका
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कालकेय
Meanings: 4; in Dictionaries: 3
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विद्युज्जिह्व
Meanings: 13; in Dictionaries: 5
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अरण्यकांडम् - काव्य ५१ ते १००
अरण्यकाण्डम् या प्रकरणातील श्लोकातील तीसरे अक्षर श्री रा म ज य रा म ज य ज य रा म असे आहे.
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संत तुकाराम - अवतार सूर्यवंशीं दिव्य घे...
संत तुकाराम गाथेत समाविष्ट न केलेले अप्रसिद्ध अभंग
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उपासना खंड - अध्याय ९०
श्री गणेश पुराणाचे पारायण केल्याने समाधान मिळते आणि जीवनातील सर्व पापे नष्ट होतात.
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कृतयुगसन्तानः - अध्यायः ३७६
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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स्कंध ९ वा - अध्याय १० वा
सर्वमतखंडन आणि ब्रह्मविद्यारहस्य
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कैकसी
Meanings: 6; in Dictionaries: 6
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अध्याय चवदावा - श्लोक ५१ ते १००
श्रीधरस्वामी रचित ’ श्रीरामविजय ’ ग्रंथाचे पारायण केल्याने जीवनातील वनवास संपून सुख प्राप्त होते.
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रावणवध - भाग ४
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच, त्यातीलच एक काव्य म्हणजे कवी भट्टि रचित रावणवध.
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लघुसिद्धान्तकौमुदी - भाग १२
‘लघुसिद्धान्तकौमुदी’ पाणिनीय संस्कृत व्याकरणाची एक (अष्टाध्यायी) परम्परागत प्रवेशिका आहे. A Complete introduction to Panini Sutras for the use of beginners.
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खर
Meanings: 126; in Dictionaries: 15
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उत्तरकांडम् - काव्य १०१ ते १५०
उत्तरकाण्डम् या प्रकरणातील श्लोकातील सातवे अक्षर श्री रा म ज य रा म ज य ज य रा म असे आहे.
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अरण्यकांडम् - काव्य १५१ ते २००
अरण्यकाण्डम् या प्रकरणातील श्लोकातील तीसरे अक्षर श्री रा म ज य रा म ज य ज य रा म असे आहे.
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आचारकाण्डः - अध्यायः १४३
विष्णू पुराणाचा एक भाग असलेल्या गरूड पुराणात मृत्यूनंतरच्या स्थितीबद्दलची चर्चा आहे, शिवाय श्रद्धाळू हिंदू धर्मीयांमध्ये मृत्यूनंतर जी विविध क्रिया कर्मे केली जातात, त्याला गरूडपुराणाची पार्श्वभूमी आहे.
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श्रीनरसिंहपुराण - अध्याय ४९
अन्य पुराणोंकी तरह श्रीनरसिंहपुराण भी भगवान् श्रीवेदव्यासरचित ही माना जाता है ।
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श्रीनरसिंहपुराण - अध्याय ४९
अन्य पुराणोंकी तरह श्रीनरसिंहपुराण भी भगवान् श्रीवेदव्यासरचित ही माना जाता है ।
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वनपर्व - अध्याय दहावा
मोरेश्वर रामजी पराडकर (१७२९–१७९४), हे महाराष्ट्रात मोरोपंत अथवा मयूर पंडित नावाने ओळखले जातात.
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